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श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी पुण्यतिथि पर श्रीनगर से निकले नगर कीर्तन में भगवंत मान, अरविंद केजरीवाल और उमर अब्दुल्ला की प्रमुख भागीदारी

 श्री गुरु तेग बहादुर जी — नौवें सिख गुरु — की 350वीं शहीदी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में श्रीनगर में ऐतिहासिक नगर कीर्तन का आयोजन हुआ, जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल तथा जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विशेष रूप से हिस्सा लिया। यह विशाल धार्मिक यात्रा श्रीनगर के गुरुद्वारा छैवें पातशाही से आरंभ हुई और 22 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब में समापन के लिए निर्धारित है। यात्रा जम्मू, पठानकोट और होशियारपुर जैसे प्रमुख मार्गों से होकर गुजरेगी। पूरे मार्ग में धार्मिक उत्साह देखते ही बनता है — पालकी साहिब, पंज प्यारें, गतका दल, पंज निशांची, नगाड़ा, रागी जत्थे, डिजिटल म्यूज़ियम, लंगर सेवाएँ और सैकड़ों वॉलंटियर इसके केंद्र में हैं, जबकि हजारों श्रद्धालु पूरे भाव और आस्था के साथ शामिल हो रहे हैं। नेताओं की उपस्थिति का संदेश: एकता, सद्भाव और धार्मिक विविधता का सम्मान भारी भीड़ के बीच तीन प्रमुख मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति अपने आप में एक महत्वपूर्ण संदेश देती है — देश की विविध धार्मिक परंपराओं के प्रति स...

20 साल से पुराने वाहनों के फिटनेस टेस्ट शुल्क दोगुने: वाहन मालिकों के लिए इसका क्या मतलब है

 यह फैसला सड़क सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और सार्वजनिक खर्च प्रबंधन — तीनों पहलुओं से जुड़ा है। भारत में 20 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों के फिटनेस टेस्ट शुल्क को दोगुना करने का निर्णय हाल ही में लागू किया गया है, और इसका असर करोड़ों वाहन मालिकों पर पड़ेगा। यह कदम सरकार की उस बड़ी रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत पुराने, प्रदूषण बढ़ाने वाले और असुरक्षित वाहनों को धीरे-धीरे सड़कों से हटाने का लक्ष्य रखा गया है। फिटनेस टेस्ट क्यों ज़रूरी है? भारत में निजी वाहन जैसे ही 15 या 20 वर्ष पूरे करते हैं (श्रेणी के अनुसार), उन्हें फिटनेस टेस्ट कराना अनिवार्य हो जाता है। इस टेस्ट में वाहन की रोड-वर्थिनेस जांची जाती है — उत्सर्जन ब्रेक लाइट बॉडी कंडीशन मैकेनिकल स्थिति यदि वाहन टेस्ट में पास नहीं होता, तो उसका रजिस्ट्रेशन आगे जारी नहीं किया जा सकता। पुराने इंजन और घिसे-पिटे पार्ट्स के चलते 20 साल पुराने वाहन प्रदूषण में काफी योगदान करते हैं और कई बार सुरक्षा जोखिम भी पैदा करते हैं। फिटनेस टेस्ट को कड़ा करने का उद्देश्य ऐसे वाहनों को सड़कों से हटाकर सुरक्षित और स्वच्छ विकल्पों को बढ...

भारतीय नागरिक उड्डयन को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम: उपभोक्ता अधिकारों और सुरक्षा निगरानी पर DGCA का पुनर्गठन रिपोर्ट

  भारत के नागरिक उड्डयन नियामक — DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) — ने हाल ही में सरकार को एक विस्तृत पुनर्गठन रिपोर्ट सौंपी है। यह रिपोर्ट आने वाले वर्षों में भारत की विमानन व्यवस्था को पूरी तरह बदलने का रोडमैप पेश करती है। इसका मुख्य उद्देश्य है: यात्रियों के अधिकारों को मज़बूती देना और सुरक्षा व तकनीकी निरीक्षण के स्तर को अंतरराष्ट्रीय मानकों तक पहुंचाना। तेज़ी से बढ़ रहे विमानन क्षेत्र को देखते हुए DGCA ने इस रिपोर्ट में ऐसे सुधार सुझाए हैं जो उपभोक्ताओं, एयरलाइंस और नियामकों, तीनों के लिए एक अधिक पारदर्शी और सुरक्षित वातावरण तैयार करेंगे। पृष्ठभूमि: DGCA को पुनर्गठन की जरूरत क्यों पड़ी भारत का विमानन बाजार लगातार बढ़ रहा है। आने वाले वर्षों में भारतीय एयरलाइनों के पास 3,000 से ज़्यादा विमानों का बेड़ा होने की संभावना है। लेकिन इस तेज़ विकास के साथ कई चुनौतियाँ भी उभरकर सामने आई हैं— यात्रियों की शिकायतें, खासकर रिफंड और सेवा से जुड़ी समस्याएँ सुरक्षा निरीक्षण के लिए अपर्याप्त स्टाफ पुरानी प्रक्रियाएँ और तकनीकी खामियाँ ड्रोन और नई टेक्नोलॉजी के लिए स्पष्ट नियमों...

भगवंत मान, अरविंद केजरीवाल और उमर अब्दुल्ला: श्रीनगर में आस्था और राजनीति का अनोखा संगम

  श्रीनगर की ठंडी पतझड़ की सुबह में कीर्तन की धुनें हवा में घुल रही थीं और लंगर की खुशबू पुरानी गलियों में फैल चुकी थी। अवसर था गुरपुरब — गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व। लेकिन इस बार का गुरपुरब सिर्फ आध्यात्मिक उत्सव नहीं था। भीड़ के बीच तीन नेता साथ-साथ चल रहे थे — पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला। उनकी मौजूदगी ने इस धार्मिक जुलूस को एक व्यापक, राष्ट्रीय संदर्भ दे दिया — यह याद दिलाते हुए कि आस्था और राजनीति कई बार बहुत सूक्ष्म तरीकों से एक-दूसरे को छूते हैं। श्रीनगर का नगर कीर्तन: कश्मीर की सांझी संस्कृति की झलक कश्मीरी सिख समुदाय संख्या में छोटा है, लेकिन सांस्कृतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण। चट्टी पदशाही गुरुद्वारे से शुरू हुआ नगर कीर्तन परंपरागत तरीके से पांव-पांव आगे बढ़ा। पांच प्यारों के नेतृत्व में जुलूस गुजरता गया और राह में सभी—सिख, मुस्लिम, हिंदू, पर्यटक—खुले दिल से लंगर ग्रहण करते रहे। इस माहौल ने उस दुर्लभ सद्भाव को दिखाया, जिसे आज की राजनीतिक बहसें अक्सर ढक देती हैं। धार्मिक ...

सुल्तानपुर के प्राइमरी स्कूलों में बनेगी एस्ट्रोनॉमी लैब, बच्चे सीखेंगे AI और रोबोटिक्स!

  सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश: अब सुल्तानपुर के प्राइमरी स्कूलों के बच्चे भी तारों को देख सकेंगे और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) व रोबोटिक्स जैसी आधुनिक तकनीकों को सीख सकेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार की 'पीएमश्री' योजना के तहत जिले के कुछ चयनित प्राइमरी स्कूलों में एस्ट्रोनॉमी लैब और AI/रोबोटिक्स आधारित स्किल हब स्थापित किए जाएंगे। यह पहल बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने और उन्हें भविष्य की तकनीकों से परिचित कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एस्ट्रोनॉमी लैब और स्किल हब का उद्देश्य इन एस्ट्रोनॉमी लैब में बच्चों को खगोल विज्ञान, सौरमंडल, ग्रह-नक्षत्रों और अंतरिक्ष से जुड़ी जानकारी आधुनिक उपकरणों के माध्यम से दी जाएगी। इसके साथ ही, AI और रोबोटिक्स आधारित स्किल हब में बच्चों को इन उभरती हुई तकनीकों का व्यावहारिक ज्ञान भी मिलेगा। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों की बौद्धिक क्षमता का विकास करना और उन्हें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है। 'स्पोक एंड हब मॉडल' पर आधारित ये लैब 'स्पोक एंड हब मॉडल' पर आधारित होंगी, जिसका अर्थ है कि चयनित...

भागलपुर: विक्रमशिला सेतु पर चलती कार में लगी आग, मां-बेटे ने कूदकर बचाई जान; 8 किमी लंबा जाम

  भागलपुर, बिहार: रविवार (27 जुलाई, 2025) की शाम बिहार के भागलपुर जिले में गंगा नदी पर बने विक्रमशिला सेतु पर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक चलती कार में अचानक भीषण आग लग गई। कार में सवार मां-बेटे ने अपनी जान बचाने के लिए चलती गाड़ी से कूदकर सुरक्षित बाहर निकल आए, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। हालांकि, आग इतनी भीषण थी कि कार पूरी तरह जलकर खाक हो गई। घटना का विवरण: पूर्णिया निवासी धीरज अपने परिवार (मां और बेटे) के साथ सुल्तानगंज स्थित अजगैबीनाथ धाम जलाभिषेक के लिए जा रहे थे। विक्रमशिला सेतु पार करते समय अचानक उनकी कार से धुआं निकलने लगा और देखते ही देखते आग की लपटों ने पूरी कार को अपनी चपेट में ले लिया। कार में आग लगते ही मां-बेटे ने तुरंत गाड़ी से कूदकर अपनी जान बचाई। जाम की स्थिति: इस घटना के कारण विक्रमशिला सेतु पर लंबा जाम लग गया, जो लगभग 8 किलोमीटर तक फैल गया। पुल पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सूचना मिलते ही भागलपुर और नवगछिया की ट्रैफिक पुलिस मौके पर पहुंची और आग बुझाने के बाद क्रेन मंगवाकर जली हुई कार को पुल से हट...

मऊ: धान की फसल में खरपतवार से नुकसान? सरकार की 50% सब्सिडी के साथ मिलेगा प्रभावी समाधान!

  मऊ सहित पूरे उत्तर प्रदेश में इस साल धान की फसल में खरपतवार एक बड़ी समस्या बनकर उभरे हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन अब घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की मदद के लिए आगे आई है और खरपतवारनाशक दवाओं पर 50% तक की भारी सब्सिडी दे रही है। यह पहल किसानों को अपनी धान की फसल को बचाने और बेहतर पैदावार सुनिश्चित करने में मदद करेगी। खरपतवार से क्यों होता है नुकसान? खरपतवार धान की फसल से पोषक तत्वों, पानी, धूप और जगह के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। ये अवांछित पौधे न केवल फसल की वृद्धि को रोकते हैं, बल्कि कीटों और बीमारियों को भी आकर्षित करते हैं, जिससे अंततः पैदावार में भारी गिरावट आती है। समय पर खरपतवार नियंत्रण न होने पर धान की फसल को 30-50% तक का नुकसान हो सकता है। कौन सी दवाएं हैं प्रभावी और कहां मिलेगी सब्सिडी? धान की फसल में पाए जाने वाले मुख्य खरपतवारों में संकरी पत्ती वाले (घास परिवार), चौड़ी पत्ती वाले और मोथा (साइपरस) शामिल हैं। इन पर नियंत्रण के लिए कई प्रभावी खरपतवारनाशक उपलब्ध हैं, जिनमें शामिल हैं: बिस्पाइरीबैक सोडियम...