श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी पुण्यतिथि पर श्रीनगर से निकले नगर कीर्तन में भगवंत मान, अरविंद केजरीवाल और उमर अब्दुल्ला की प्रमुख भागीदारी
श्री गुरु तेग बहादुर जी — नौवें सिख गुरु — की 350वीं शहीदी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में श्रीनगर में ऐतिहासिक नगर कीर्तन का आयोजन हुआ, जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल तथा जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विशेष रूप से हिस्सा लिया।
यह विशाल धार्मिक यात्रा श्रीनगर के गुरुद्वारा छैवें पातशाही से आरंभ हुई और 22 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब में समापन के लिए निर्धारित है। यात्रा जम्मू, पठानकोट और होशियारपुर जैसे प्रमुख मार्गों से होकर गुजरेगी। पूरे मार्ग में धार्मिक उत्साह देखते ही बनता है — पालकी साहिब, पंज प्यारें, गतका दल, पंज निशांची, नगाड़ा, रागी जत्थे, डिजिटल म्यूज़ियम, लंगर सेवाएँ और सैकड़ों वॉलंटियर इसके केंद्र में हैं, जबकि हजारों श्रद्धालु पूरे भाव और आस्था के साथ शामिल हो रहे हैं।
नेताओं की उपस्थिति का संदेश: एकता, सद्भाव और धार्मिक विविधता का सम्मान
भारी भीड़ के बीच तीन प्रमुख मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति अपने आप में एक महत्वपूर्ण संदेश देती है — देश की विविध धार्मिक परंपराओं के प्रति सम्मान, साम्प्रदायिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता।
तीनों नेताओं ने गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को मानवता, धार्मिक स्वतंत्रता और अत्याचार के खिलाफ साहस का सर्वोच्च प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है — प्रेम, करुणा, भाईचारा और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन और स्थानीय सिख संगत द्वारा किए गए उत्कृष्ट प्रबंधों की उन्होंने सराहना की। पंजाब सरकार भी पूरे देश में गुरु साहिब की स्मृति में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रही है — लाइट एंड साउंड शो, कीर्तन दरबार, अंतरधार्मिक सम्मेलन, प्रदर्शनी और कई सांस्कृतिक आयोजन।
आध्यात्मिकता के साथ सामाजिक एकजुटता का संगम
यह नगर कीर्तन केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि शांति, समानता और धार्मिक स्वतंत्रता जैसे मूल्यों के प्रचार का भी माध्यम है — वही मूल्य जिनके लिए गुरु तेग बहादुर जी ने सर्वोच्च बलिदान दिया।
हजारों श्रद्धालुओं के शामिल होने के साथ-साथ कश्मीरी पंडितों और अन्य समुदायों की भागीदारी ने भी इस कार्यक्रम को एक अनूठा अंतरधार्मिक संवाद का रूप दिया। स्थानीय प्रशासन, सुरक्षा एजेंसियों और विभिन्न सामाजिक समूहों के सहयोग ने इसे सामूहिक सद्भाव का प्रतीक बना दिया।
समापन कार्यक्रम: आनंदपुर साहिब में भव्य आयोजन
यात्रा का समापन श्री आनंदपुर साहिब में एक श्रृंखलाबद्ध कार्यक्रमों के साथ होगा, जिनमें शामिल हैं—
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पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र
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रक्तदान शिविर
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पौधारोपण अभियान
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“सरबत दा भला इकतारता” नामक विशाल संगत एकत्रीकरण
हजारों श्रद्धालुओं और यात्रियों के ठहराव के लिए “चक्क नानकी” नामक एक बड़े टेंट शहर की भी व्यवस्था की जा रही है।
एक अनोखा संगम: श्रद्धा, संस्कृति, राजनीति और सामाजिक सद्भाव
यह नगर कीर्तन धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक धरोहर, राजनीतिक सद्भाव और सामाजिक एकता — इन सभी का अनोखा संगम है। विभिन्न राज्यों के नेता एक साथ आकर गुरु तेग बहादुर जी की विरासत को नमन कर रहे हैं, जो यह दर्शाता है कि यह विरासत किसी एक राज्य या धर्म की नहीं, पूरी मानवता की है।
गुरु साहिब का संदेश — “सार्बत दा भला” — इस आयोजन की आत्मा है, और यही भावना भारतीय समाज को जोड़ने का माध्यम बन रही है।

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