मऊ सहित पूरे उत्तर प्रदेश में इस साल धान की फसल में खरपतवार एक बड़ी समस्या बनकर उभरे हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन अब घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की मदद के लिए आगे आई है और खरपतवारनाशक दवाओं पर 50% तक की भारी सब्सिडी दे रही है। यह पहल किसानों को अपनी धान की फसल को बचाने और बेहतर पैदावार सुनिश्चित करने में मदद करेगी।
खरपतवार से क्यों होता है नुकसान?
खरपतवार धान की फसल से पोषक तत्वों, पानी, धूप और जगह के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। ये अवांछित पौधे न केवल फसल की वृद्धि को रोकते हैं, बल्कि कीटों और बीमारियों को भी आकर्षित करते हैं, जिससे अंततः पैदावार में भारी गिरावट आती है। समय पर खरपतवार नियंत्रण न होने पर धान की फसल को 30-50% तक का नुकसान हो सकता है।
कौन सी दवाएं हैं प्रभावी और कहां मिलेगी सब्सिडी?
धान की फसल में पाए जाने वाले मुख्य खरपतवारों में संकरी पत्ती वाले (घास परिवार), चौड़ी पत्ती वाले और मोथा (साइपरस) शामिल हैं। इन पर नियंत्रण के लिए कई प्रभावी खरपतवारनाशक उपलब्ध हैं, जिनमें शामिल हैं:
बिस्पाइरीबैक सोडियम 10% SC (जैसे Nominee Gold, Adora, Strider): यह सभी प्रकार के खरपतवारों पर प्रभावी है। इसकी 100-120 मिलीलीटर मात्रा प्रति एकड़ उपयोग की जाती है।
ट्रायफामोन 20% + एथोक्सीसल्फ्यूरॉन 10% WG (जैसे Council Active): यह भी सभी प्रकार के खरपतवारों पर असरदार है, जिसकी 90 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ इस्तेमाल होती है।
पेनोक्ससुलम 1.02% + साइहलोफॉप-ब्यूटाइल 5.1% OD (जैसे Cracker, Vivaya): इसकी 900 मिलीलीटर मात्रा प्रति एकड़ की दर से प्रयोग की जाती है।
क्लोरम्यूरॉन इथाइल और मेटसल्फ्यूरॉन मिथाइल के साथ पायरासल्फ्यूरॉन 10% WP (जैसे UPL Saathi): यह 60 ग्राम प्रति एकड़ की दर से प्रयोग किया जा सकता है।
किसान इन खरपतवारनाशक दवाओं को कृषि विभाग द्वारा संचालित कृषि सुरक्षा इकाइयों से 50% रियायती दरों पर खरीद सकते हैं। ये केंद्र किसानों को खरपतवारों के कुशल प्रबंधन के लिए आवश्यक सलाह और रसायन भी प्रदान करते हैं।
सब्सिडी का लाभ कैसे उठाएं?
उत्तर प्रदेश सरकार ने खरीफ 2025 सीज़न के लिए यह सब्सिडी योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य किसानों की उत्पादन लागत को कम करना और उन्हें अपनी फसलों को प्रभावी ढंग से बचाने में मदद करना है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने नजदीकी कृषि सुरक्षा इकाई से संपर्क करें और इस सब्सिडी योजना का लाभ उठाएं। विशेषज्ञों की सलाह से सही खरपतवारनाशक का चुनाव करें और अनुशंसित मात्रा में ही इसका प्रयोग करें ताकि फसल को नुकसान न हो।
यह सरकारी पहल मऊ सहित पूरे प्रदेश के धान किसानों के लिए एक बड़ी राहत है, जिससे वे अपनी मेहनत को बर्बाद होने से बचा सकेंगे और अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकेंगे।
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