ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव पर उनकी वेशभूषा को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिस पर काफी विवाद खड़ा हो गया है। मौलाना रशीदी ने डिंपल यादव के मस्जिद दौरे के दौरान ली गई तस्वीरों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें इकरा हसन से सीख लेनी चाहिए थी।
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में दिल्ली की संसद मार्ग मस्जिद में समाजवादी पार्टी की एक बैठक हुई थी, जिसमें अखिलेश यादव, डिंपल यादव और इकरा हसन समेत कई नेता मौजूद थे। मौलाना साजिद रशीदी ने एक टीवी डिबेट में इस बैठक को लेकर डिंपल यादव के पहनावे पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि बैठक में दो महिलाएं बैठी थीं, एक इकरा हसन थीं जो सिर ढककर बैठी थीं, जबकि डिंपल यादव बिना सिर ढके बैठी थीं और उनकी पीठ की तस्वीर देखकर कोई भी शरमा जाएगा। मौलाना ने डिंपल यादव के पहनावे को "नंगा" करार दिया और इसकी तुलना इकरा हसन के पहनावे से की, जो कि इस्लामिक मान्यताओं के अनुरूप था।
इकरा हसन कौन हैं?
इकरा हसन समाजवादी पार्टी की युवा सांसद हैं, जो कैराना लोकसभा सीट से चुनी गई हैं। वह एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से आती हैं और अपनी शिक्षा-दीक्षा लंदन से पूरी की है। इकरा हसन को उनके हाजिर जवाबी और राजनीतिक सूझबूझ के लिए जाना जाता है। मौलाना रशीदी ने इकरा हसन के सिर ढके होने का हवाला देते हुए डिंपल यादव पर सवाल उठाए थे।
विवाद और प्रतिक्रियाएं:
मौलाना साजिद रशीदी की इस टिप्पणी के बाद सियासी गलियारों और सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश देखने को मिला है। कई महिलाओं और राजनीतिक हस्तियों ने मौलाना की टिप्पणी की निंदा की है। इस पर इकरा हसन ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि एक महिला जनप्रतिनिधि पर ऐसी टिप्पणी करना बेहद शर्मनाक है और ऐसे लोगों का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये लोग कोई धर्मगुरु नहीं हैं और न ही किसी धर्म के ठेकेदार हैं, और उन्हें किसी भी महिला पर ऐसी टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। इकरा हसन ने इस मामले को नारी सम्मान से जोड़ते हुए मौलाना के बयान को असंवेदनशील और महिला विरोधी बताया।
मौलाना साजिद रशीदी पर डिंपल यादव के खिलाफ अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी करने तथा धार्मिक तनाव फैलाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर भी दर्ज की गई है।
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